गीत/नवगीत प्रियंका त्रिवेदी 26/07/2020 कोई दिल में नहीं आता कोई दिल में नहीं आता ,कोई दिल से नहीं जाता बड़ी है कशमकश में दिल,समझ में कुछ नहीं आता। ज़रा Read More
कविता प्रियंका त्रिवेदी 02/07/2020 मूक संवाद जहाँ शब्दों का कोई मोल न हो वहाँ बेहतर होता है मूक हो जाना कुछ संवाद मूक हो कर पूरे Read More
कविता प्रियंका त्रिवेदी 11/08/2018 कविता कुछ अनकहे शब्द उकेर देना चाहती हूँ इन कोरे पन्नों पर… कोई समझे, न समझे मैं तो समझती हूँ…. तुम्हें Read More