उम्मीदें
2212 2212 2212 बैसाखियों पर चलती उम्मीदें मेरी अब नफरतों पर पलती उम्मीदें मेरी न मिला शजर, न मिली कली
Read Moreजिंदगी बन कर तेरी मेरी कहानी रह गई, आँखों में बस मेरी अश्कों की रवानी रह गई, रास न आया
Read Moreसोचती हूँ इक कहानी लिखूं तेरी और मेरी जुबानी लिखूं लिखूं हाल ऐ दिल अपना या सपनों की रवानी लिखूं
Read Moreकैसे लाऊँ अधरों पर मुस्कान प्रिये नैनो में है नीर भरा ह्रदय में है तीर चुभा निराशा ने हर और
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