मुक्तक/दोहा पुष्पा श्रीवास्तव 'अनन्या श्री' 07/01/2016 दोहा साँझ भई रे साँवरे, किया न मुझको याद। लोचन मेरे जल भरे, करते है फरियाद। पिया मिलन को मैं चली, Read More