कविता : बेटी
दुआओं सी मासूम कोमल सपनो सी ! फूलों पर झरती हुयी, शबनम सी ! पूजा है प्यार है बेटी, ईश्वर
Read Moreदुआओं सी मासूम कोमल सपनो सी ! फूलों पर झरती हुयी, शबनम सी ! पूजा है प्यार है बेटी, ईश्वर
Read Moreजिसको अपने दिल में बसाया, उसने ही दिल तोड़ा है !! भरी दुनियाँ में जिसने हमको, तन्हाँ करके छोड़ा है
Read Moreपल-पल मैं बदलती हुई हमने, यहाँ हर रिश्ते की तस्वीर देखी! अपनेपन की चाहत मैं देखो, खुद मैं ही
Read Moreबदलते रुत की हवायें, हल्का सर्द एहसास , लिये मेरे कमरे में , आई है! साथ ही कुछ भूले
Read Moreहर मोड़ पर, हमने जिंदगी का, नया रंग देखा! पल-पल बदलता हुआ, रिश्तों का मौसम देखा ! कल तक जो
Read Moreअग्रदूत बनकर स्वतंत्रता का , उसने शंखनाद किया ! लेकर साथ जवान,किसान, शुरू उसने संर्घष किया! देश को,आजाद कराने की
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