गीत/नवगीत राहुल द्विवेदी 'स्मित' 11/09/201711/09/2017 गीत एक कलम के बूते पर मैं दुनिया रोज बदलता हूँ । ये मत सोंचो कवि हूँ मैं तो बस कविता Read More
गीत/नवगीत राहुल द्विवेदी 'स्मित' 11/09/201711/09/2017 गीत दोपहरी अलसाई सी है, सो सो जाती है । दाँव छाँव के देख धूप भी, नजर चुराती है ।। चाँद सलोना, Read More
गीत/नवगीत राहुल द्विवेदी 'स्मित' 10/01/2016 गीत तिनका तिनका बिखर रहा है, यह प्यारा संसार । जाने किसने बना दिया है, रिश्तों को ब्यापार ।। मर्यादा के Read More
सामाजिक राहुल द्विवेदी 'स्मित' 06/01/201605/01/2016 समाज निर्माण – नैतिकता या स्वार्थ ऐसी गंदी सोंच पर, अबतक हूँ हैरान । कैसे अपनी कौल से, गिर जाता इंसान ।। जाने कैसा स्वार्थ है, Read More
गीत/नवगीत राहुल द्विवेदी 'स्मित' 05/01/2016 गीत मेरी कहाँ जरूरत किसको, मैं तो बहता दरिया हूँ । जो चाहे बस प्यास बुझा ले, सस्ती एक गगरिया हूँ Read More