गीत/नवगीत

गीत

मेरी कहाँ जरूरत किसको, मैं तो बहता दरिया हूँ ।
जो चाहे बस प्यास बुझा ले, सस्ती एक गगरिया हूँ ।।

सबने अपने दाग छुड़ाये, मुझको तनहा छोड़ दिया…
अपने मन की नीच गली से, मेरा नाता जोड़ दिया…।
जिस पर लाखों दाग लगे हैं, ऐसी एक चुनरिया हूँ….
मेरी कहाँ………..।।

सत का गीत सुनाता फिरता, झूँठी दुनियादारी में…
सब हँसते हैं मैं भी खुस हूँ, अपनी इस बेकारी में  …।
जिसको सबने ठुकराया है, सच की एक नगरिया हूँ……
मेरी कहाँ……………।।

जब तारों को पड़ी जरूरत, छोड़ दिया आकाश घना…
लाचारी के घोर तिमिर में, मैं मतवाला खूब जला….।
आज उजालों ने समझाया, मैं तो केवल जरिया हूँ…..
मेरी कहाँ जरूरत किसको…….।।

राजनीति के दांव के आगे, मैंने घुटने टेक दिए….?
खुद्दारी में सहनशीलता, वाले मोती फेंक दिए ।
सम्बिधान की हरियाली में, मैं केवल केसरिया हूँ……
मेरी कहाँ जरूरत किसको………….।।

राहुल द्विवेदी ‘स्मित’

राहुल द्विवेदी 'स्मित'

राहुल द्विवेदी 'स्मित' (अध्यापक-डी.पी.एस. एकैडमी) पिता: महेश प्रसाद द्विवेदी पता: ग्राम-करौंदी पोस्ट-इटौंजा जनपद-लखनऊ उत्तर प्रदेश (226203) जन्मतिथि: मई 20, 1987 मोबाइल: 8299494619 शैक्षिक योग्यता : बी.काम., बी.एड. साहित्यिक परिचय: प्रकाशित कृतियाँ- साझा संकलन ('कविता लोक-प्रथम उद्भाष' , 'तेरी यादें' व कई अन्य साझा संकलन प्रकाशनाधीन ) कई पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित सम्मान: 'कविता लोक रत्न सम्मान', 'स्व. इन्द्रदेव सिंह सम्मान', 'गीतिकालोक रत्न', 'काव्य श्री', 'श्रेष्ठ ग़ज़लकार सम्मान' व कई अन्य विभिन्न फेसबुक समूहों द्वारा ऑन लाइन सम्मान व पुरुस्कार