गंगोदक सवैया छन्द
हिन्द की रीति की प्रीति देखो जरा विश्व सारा कुटुम्बी हमारा यहाँ | मातु सी पत्नियाँ दूसरों की दिखें, पापिनी
Read Moreहिन्द की रीति की प्रीति देखो जरा विश्व सारा कुटुम्बी हमारा यहाँ | मातु सी पत्नियाँ दूसरों की दिखें, पापिनी
Read Moreजागो जागो, मदन गुपाल, स्वीकारों यह, पूजन थाल | माखन मिसरी, भोग महान, खाओ आकर, हुआ विहान || मोर पंख
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