अंतिम सांस तक
अंतिम सांस तक….. सोनू से प्रेम है उससे मुझे प्रेम है कुछ-कुछ स्वर्णाभ अक्षत सा है….. कुन्दन सा खरा शाश्वत
Read Moreअंतिम सांस तक….. सोनू से प्रेम है उससे मुझे प्रेम है कुछ-कुछ स्वर्णाभ अक्षत सा है….. कुन्दन सा खरा शाश्वत
Read Moreमैं मेरे मन के एहसास को संजोकर उसके प्रेम की अनुभूति को लिखने चला मेरे ख्यालों में मेरे ख्वाबों में
Read Moreसोनू!अपनी चाहत को शब्दों में कैसे बयां करूँ मेरी हर यादें तुमसे जुदा नहीं है मेरी हर बात तुमसे जुदा
Read Moreये बेकरारी है की लागी तुमसे है मन की लगन ज्यों देखा तुम्हें दिल है बेकाबू मन में लागी अगन
Read Moreमैं नारी हुँ मेरे अंदर भी एक नरम दिल है एक प्यारा प्यारा सा एहसास है मैंने भी कुछ सुनहरे
Read Moreलक्ष्मी,सरस्वती,सीता और दुर्गा हैं बेटियाँ रोको मत लोगों संसार में आने दो बेटियाँ माता-पिता परिवार की गर्व होती हैं बेटियाँ
Read Moreरास्ते का पत्थर हुँ उस आधुनिक समाज का जहाँ जाम पे जाम छलकाया जाता है ऊंची ऊंची अट्टालिकायें भव्यता पूर्ण
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