मैं भारतीय सेना की आन,बान और शान हूं। पर देश द्रोहियों के लिए मौत का सामान हूं।। भारत माता की रक्षा का चाहत लिए कटिबद्ध हूं। अपने प्राण न्यौछावर करता देश का वीर जवान हूं।। जन्म देने वाली माँ से मैं भले ही दूर चला जाता हूँ। दूसरे माँ […]
Author: राजेन्द्र कुमार पाण्डेय "राज"
साझा काव्य संकलन “एहसास एक प्रेम” पुस्तक का विमोचन
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की प्रसिद्व साहित्यिक संस्था राज श्री साहित्य अकादमी,छत्तीसगढ़ के संस्थापक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा सम्पादित पुस्तक साझा काव्य संकलन एहसास… एक प्रेम का विमोचन जांजगीर की प्रसिद्ध समाज सेवी श्रीमती प्रफुल्ल सीताराम शर्मा के करकमलों से टी सी एल कैफे एंड रेस्टोरेन्ट, वी आर प्लाजा बिलासपुर के सभागृह में विमोचन हुआ। ये साहित्यिक […]
नववर्ष तुम्हारा अभिनन्दन है
हिन्दू नववर्ष तुम्हारा अभिनन्दन है हर्षित है जग सारा करता तुम्हारा वन्दन है सूरज की नवल किरणें करती जग वन्दन है अभिनन्दन अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा वन्दन है फूले किंशुक पलाश फूली सरसों पीली फूले फूल तीसी नीली नीली हुलसित पक गई खेतों में गेहूँ की सुनहरी बालियाँ कमल खिली लगी मुस्कुराने ताल हुई हर्षित बागबां […]
तेरे लिए…
राज! कैसे उन्हें बताएं कि हमें उनसे मोहब्बत है। हमारी खामोशियाँ सिर्फ उनका इंतजार करती हैं। कभी वो हमें मिलें तो उन्हें दिल के सारे राज बताएंगे। हमारी मोहब्बतें तो सिर्फ मोहब्बत नही इबादत है। डरते हैं उनके बेदाग दामन कही रुसवा न हो जाये। […]
नारी सृष्टि है…
नारी केवल घर संसार ही नहीं सृष्टि है सबके दिलों में राज करने वाली महारानी है सबके चेहरे की दमकती सजी मुस्कान है खुशियों की चमचमाती सूरज की वो किरणें है स्नेह बन्धन से बांधती वह रेशम की डोर है […]
फूलों सी कोमल नारी…
सोनू! फूलों सी मासूम हो फूलों में सिक्त शबनम की बूंदे हो देखूँ तुम्हें जी भरके भी जी भरता नहीं बस तेरी तस्वीरों को ही देखता रहता हूँ पूरी कायनात जैसी हो तुम तुम्हें देख खुदा भी रश्क करता होगा ऐसी खूबसूरत सी कोई अप्सरा हो बस तुम्हें ही निहारता रहता हूँ तस्वीरों में चञ्चल […]
हवाओं में तेरी खुशबू है…
तुम मेरे ख्वाबों में ही आती हो ख्यालों में मेरे लम्हें लम्हें को सजाती हो तेरे प्यार के एहसास से महकता रहता हूँ छूकर फूलों को तेरे डिम्पल का एहसास होता है नाजुक कलियों का स्पर्श लबों का स्पर्श लगता है धड़कते दिल में मेरे जज्बातों का सैलाब है आंखों की नमी सागर उठती गिरती […]
खट्टी मीठी यादें
वर्ष बीत गया कुछ कुछ कवड़ी मगर सच्ची यादें सबके जीवन को बदला कुछ अच्छी सच्ची बातें आहिस्ता आहिस्ता नव वर्ष आ ही गया करें स्वागत नव ऊर्जा नव उमंग नव उत्साह संग आओ करें स्वागत कुदरत ने ये कैसा कहर बरपाया कांप उठा इंसान सांसों ही सांसों में जहर घुल गया फंस गई थी […]
मन के मीत
मेरे मन के मीत मेरे मन की थी कल्पना कोई भोली भाली अल्पना आती है मुझे बार बार सपना बाहों में भरकर उसको अपना बना लेते हो मेरे मन के मीत मुझे तुम बहुत याद आते हो सपनों में क्यूँ सताया करते हो रोज रोज मिलने का वादा करते हो अपना वादा रोज तोड़कर मुझे […]
तेरे शहर की हवा
तेरे शहर की हवा बड़ी सर्द थी उस पर तेरा ख़य्याल तेरे ख़य्याल से मेरा दिल बेताब सा पर कुछ मलाल तुझे सीने से लगाने का सबब उफ्फ तेरी गर्म साँसे क्या ख्वाहिशें थी कि उफ्फ रूह का खो गया होश तेरी चाहत या तेरी तलब किस्मत में ना कहीं मिली तलब बे-सबब हाथ दुआ […]