नवगीत – चूल्हे में जलती रोती
देख उबलती खिचड़ी मन की हांडी में आज तवे पर जल बैठी फिर से रोटी एक तरफ़ चूल्हे में ये
Read Moreदेख उबलती खिचड़ी मन की हांडी में आज तवे पर जल बैठी फिर से रोटी एक तरफ़ चूल्हे में ये
Read Moreभँवरे कलियाँ तरु झूम उठें जब फाग बयार करे बतियाँ| दिन रैन कहाँ फिर चैन पड़े कतरा- कतरा कटती रतियाँ|
Read Moreभड़की ज्वाला खूँ की प्यासी, सरहद भरती है हुंकार| उबल पड़ा फिर लहू हिन्द का ,सुनकर साँपों की फुफकार||
Read Moreपर्दा जो उठ गया तो हुआ काला धन तमाम चोरों की ख्वाहिशों के जले तन बदन तमाम बरसों से जो
Read Moreमन के कागद पर लिखो ,प्रिय मेरी तकदीर| हृदय कलम मसि नेह की ,रँगो धवल तस्वीर|| आखर-आखर जोड़
Read Moreफिसलकर नींद से टूटे हुए सपने कहाँ रक्खूँ ज़फ़ा की धूप में सूखे हुए गमले कहाँ रक्खूँ मुक़द्दस बूँद से
Read Moreकिश्तियों का तोड़ चप्पू रौंदते पगडंडियों को पत्थरों की नोक से घायल करें उगता सवेरा आग में लिपटे हुए हैं
Read Moreरोला गीत बैर भाव को त्याग,रखें बस तन-मन चंगा सर्व धर्म-समभाव, कहे आजाद तिरंगा बच्चे चलते साथ ,लिए हाथों
Read Moreराखी “भाभी, अगर कल तक मेरी राखी की पोस्ट आप तक नहीं पँहुची तो परसों मैं आपके यहाँ आ रही
Read Moreरिमझिम सावन की फुहार आज मेरा भैय्या आएगा आया तीजो का त्यौहार साथ मुझे लेके जाएगा अम्बर पे बादल छाये
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