नादान जीवन
कुछ नादानियां कुछ अठखेलियां बाकी है मुझ में । क्षण-क्षण घूमती मृत्यु के बीच में जीवांत जीवन बाकी है मुझ
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Read Moreजीवन मृत्यु का भेद तुमको कुछ बतलाऊंगा। हो सका तो तुमको सच्चा जीवन निर्वाह सिखलाऊंगा। क्षणभर का जीवन क्षणभर की
Read Moreजाग मछंदर गोरख आया अलख निरंजन नाद सुनाया। महाकाल का भगत बनाया चौसठ योगिनी 90 भैरव का गान सुनाया। 52
Read Moreआज़ादी के अमृत महोत्सव के स्वर्णिम अवसर पर विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट द्वारा देश का अभिमान ( काव्य संकलन)योगदान के लिए
Read Moreमुझे अपना मीत बनाओ मेरे कान्हा जी, मुझे भी सखियों के संग रिझाओ मेरे कान्हा जी, मुझे भी रासिको का
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