शरणागत
मैं दीनहीन दुखीयार हूं मुझे अपनी शरण में प्रभु रख लो न। मैं जन्म-जन्म का मारा हूं मुझे अपनी शरण
Read Moreमैं लिख रहा हूं तुमको तुम पढ़ लेना खुद को अगर न समझ आये कुछ तो पूछ लेना फिर हमको।
Read Moreकांगड़ा,हिमाचल प्रदेश. कृष्ण कला मंच जयपुर द्वारा मासिक प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर कांगड़ा के डॉ राजीव डोगरा तथा
Read Moreछाई है नफ़रते हर जगह आओ मिलकर मोहब्बत का एक नया गीत गाये। छाया है अविश्वास का घना अंधकार यहाँ
Read Moreआओ तुम्हें सुनाता हूं बचपन की कहानी, वहां भी होती थी दिल्लगी और साथ ही होती थी हर दिन एक
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