राम
राम-राम करते हो तुम रावण बनने के लायक भी नहीं। ज्ञान-ज्ञान करते हो तुम अज्ञानी बनने के लायक भी नहीं।
Read Moreकुछ तो कहना था तुमसे मगर कह नहीं पाया कभी अपनी घुटती हुई दबी हुई आहों को। कुछ तो लिखना
Read Moreमैं स्वर्ग में गमन करूं या फिर नर्क कुंड की अग्नि में भस्म होता रहू मगर फिर भी तुम मुझ
Read Moreकुछ बातें अनकही हैं कुछ जज्बात अनसुने है कुछ चेहरे अनदेखे हैं कुछ ख्वाब अनसुने है कुछ रिश्ते अनदेखे हैं
Read Moreदिल की गहराइयों में तुम्हें छुपा रखा, अपने चेहरे की मुस्कराहट में तुमको जमा रखा है। सोचता हूं तुमको भूल
Read Moreमैं हर जगह हर पल तुम में ही हूं। तुम्हारे चेहरे पर आई हर खामोशी में मैं हूं। तुम्हारी आंखों
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