काल
मैं तूफानों से निकला हूं मुझे आंधियों से अब कोई डर नहीं, मैं महाकाल से मिला हूं मुझे काल से
Read Moreजीवन का हर पक्ष रुका सा हुआ है देखकर अच्छा लगता है। एक तनहाई सी छाई हुई है चारों ओर
Read Moreकुछ यूं बदला वक्त की सब कुछ बदलता चला गया। जमी ये आसमा और आसमा से जमी सब कुछ यूं
Read Moreहे ईश्वर ! मैं कुछ खास नहीं फिर भी गुफ्तगू करता हूं तुमसे दुनिया का हाल छोड़कर। लोग पूछते हैं
Read Moreबीत गया जो वक्त तो अब क्यों मुझे तलाश रहे हो। जब थे आपके पास तो बस आपके ही थे।
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