अस्तित्व
किसी के पासजब कुछ बचता नहींबुलाए तब तो कोईमैं इतना सस्ता नहीं। माना की प्रेम चाहिएजीवन मेंमगर मांगना पड़ेभिख की
Read Moreपूर्वी अफ्रीका स्थित युगांडा गणराज्य के वैश्विक मंत्रालय और शिष्यत्व संस्थान ने कांगड़ा के युवा कवि तथा हिंदी अध्यापक राजीव
Read Moreउच्च हिमालय बहती नदियांकल कल करतीझरनों की आवाजेंफैली हरियाली ,सुगंधित सुमनमहके समीर,बहकी कलियाँऐसी गोद हिमाचल कीजय जय जय हिमाचल की।
Read Moreबढो़ गए जीवन में तोउड़ते रहो गएजीवांत पक्षी की तरहनहीं तो टूट करबिखर जाओगीकिसी शाख केमुझराये पते की तरह। जीवांत
Read Moreबिकती है जब निगाहें तेरीतो झुकता हैशहर सारा,फिरता हूँ जब गम-ए-आरजू लिएतो बहता हैमेरा दर्द सारा,चलता है जब हुस्न-ऐ-बाजारमचलता देखशहर
Read Moreहम ढूढ़ते रह गएउनको हर निग़ाह में,पर वो तो खो ही गएओर किसी की बाहों में। हम ने तो हमेशा
Read Moreकांगड़ा,हिमाचल प्रदेश. सत्यइंदिरा फाउंडेशन-SSIF जयपुर जो की शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण और धर्म, जाति और समाज के भेदभाव
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