नई चेतना भाग — २
धीरे धीरे चलते हुए अमर फैक्ट्री पहुँच गया । सभी मजदूर अपना अपना काम शुरू कर चुके थे । धनिया भी
Read Moreधीरे धीरे चलते हुए अमर फैक्ट्री पहुँच गया । सभी मजदूर अपना अपना काम शुरू कर चुके थे । धनिया भी
Read Moreकमल एक मेधावी छात्र था । छमाही इम्तिहान के नतीजे घोषित हो चुके थे । कमल को सत्तर प्रतिशत अंक
Read Moreलाला धनीराम की गिनती रामपुर के धनाढ्य लोगों में होती थी । अनाज के थोक व्यापार के अलावा उनकी धान कूटने
Read Moreउठो जवानों टूट पड़ो ‘ फिर दुश्मन ने ललकारा है घात लगाकर उरी में ‘ धोखे से हमको मारा है
Read Moreबड़े गुरूजी ! जी हाँ ! हम लोग उन्हें बड़े गुरूजी ही कहते थे । तब हम कक्षा तीसरी के विद्यार्थी
Read Moreअल्लाह गर हैं तेरे भगवान हैं मेरे भी है लाल लहू तेरा तो लाल है मेरा भी इंसान रहो बनके
Read Moreभैरवघाटी से भैरव बाबा के दर्शन कर हम सभी मित्र आगे बढे । अब आगे …………………………. सुबह के लगभग सात
Read Moreकोल्हू के बैल की तरह गृहस्थी की चक्की पिसते पिसते एक दिन एक खबर ने मेरा दिल खिला दिया ।
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