कविता : झूठा वादा
रिश्ता निभाया मैंने , पर कमी कोई रही होगी किया जिससे प्यार , शायद वही प्यासी होगी छोड़गए तुम मूजको
Read Moreरिश्ता निभाया मैंने , पर कमी कोई रही होगी किया जिससे प्यार , शायद वही प्यासी होगी छोड़गए तुम मूजको
Read Moreमेरे सपनों में तुम और मेरे जीवन में भी तुम मेरे जिक्र में तुम और मेरे जज्बात में भी तुम
Read Moreकान्हा के किरदार का कोई और न छोर, इक पल वो जगदीश हैं, इक पल माखनचोर… जब भी अंधेरा गहराता
Read Moreना स्वार्थ का लेप , ना इच्छाओं का अवलंबन है चट्टान सा मज़बूत , भाई – बहन का बंधन पर्व
Read Moreजब तिरंगा लहराता है , लगता कितना प्यारा है वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है भारत माँ
Read Moreतेरी यादों ने आज आखिर रुला ही दिया हमें इतने भी पत्थर दिल नहीं हैं जितना के आपने समझा हमें
Read Moreसृष्टि है संकट में हरित क्रांति लाना है हम इंसान की है भूमिका सबको व्रक्ष लगाना है पर्यावरण की रक्षा
Read Moreतेरी पायल की वो आवाज आज भी आती है मुझे जो उस वक़्त दड़कन में झनकार सी लगी थी मुझे
Read Moreधरती प्यासी मानुस प्यासा तपते भाष्कर बेहाल मानुस ..ताल ..कुए ..बोर है सूखे बूंद-बूंद प्यास में तडपते हरे भरे पेड़
Read Moreआज तुमसे बात करके ये महसूस हमें हुआ पास होकर भी हमें दूरी का अहेसास हुआ हुआ हमें महसूस की
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