कैसे -कैसे-कुंडलियां छंद
1-कैसे -कैसे मित्र ये ,मुख पर मीठी बात । अवसर को लेते भुना ,फिर देते आघात ॥ फिर देते आघात,सदा
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Read Moreयूँ तो कहा जाता है “ सत्य,धैर्य, क्षमा,दया,सहिष्णुता और सेवा भाव मनुष्य के जीवन को गौरव प्रदान करते हैं लेकिन
Read Moreबुझता दिया सुकूं का इंसान ही के कारण , बुझता दिया यकीं का इंसान ही के कारण । बुझता दिया
Read Moreसत्यभामा `महिला क्लब’ चलाती थी और समाज की कमजोर स्त्रियों को आगे बढ़ाने का ढोंग करती थी । भ्रूण हत्या
Read Moreन जाने कैसी आज़ादी हमने पाई है? सारे जहां में हो रही रुसवाई है । `सारे जहां से अच्छा’ गाते
Read Moreडॉ विद्योत्तमा को घनिष्ठ परिचित और प्रतिष्ठित लेखिका मधुरिमा का फोन आया । विद्योत्तमा तुमसे एक बात कहनी है-“ समझ
Read Moreघन -घन गरजत, कारे मेघ बरसत, जियरा में बहुतहि ,अगन लगावै है दम -दम दमकत, चंचल बिजुरिया जो, तडपत मनुआं
Read More१- बरखा आई झूमती इठलाती नाच नचाती | २- मनुआं भीगा बूंदों की टिप-टिप गीत सुनाती | ३- पाजेब नहीं
Read Moreगभीर रूप से बीमार माँ ने अपने शादीशुदा अफसर बेटे अखिलेश से कहा -“ बेटा मेरे मरने के बाद अपनी
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