वैचारिक भिन्नता
वैचारिक भिन्नता सदा बनती है कारण रिश्तों में टकराव का जीवन में अलगाव का और लिख देती है भाग्य में
Read Moreवैचारिक भिन्नता सदा बनती है कारण रिश्तों में टकराव का जीवन में अलगाव का और लिख देती है भाग्य में
Read Moreबजता डंका झूठ का, सत्य खड़ा है मौन । मिथ्या का सम्मान पर, सत्य पूजता कौन । सत्य पूजता कौन
Read Moreकही बात से हम मुकरते नहीं हैं कभी कर्म करने से डरते नहीं हैं पड़ें स्वार्थ में और मतलब की
Read Moreकभी ख़्वाबों- खयालों में कोई अरमान पैदा कर कभी जो डिग नहीं सकता है वो ईमान पैदा कर | कोई
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