गज़ल
बंद खिड़कियां जेहन की खोलिये साहबखुली आँखों से उन्हें तोलिये साहब पहुंचे नहीं चोट उनको किसी तरह सेइसलिए शब्द सोचकर
Read Moreजगह-जगह छिपे हुये यहां आदमखोर हैऐसे लोगों का आजकल देखो जोर हैं बंद है सुविधा यहां काली तिजोरियों मेंऔर मची
Read Moreकुर्सी मिलते ही हुआ, नेता लापरवाहरहता है बनकर सदा, देखो वो शहंशाह कुर्सी पर ही बैठकर, नेता दे संदेशखुशहाली घर-घर
Read Moreबातें कड़वी मत करें, करें सभी से प्यार तब पाओगे ही सदा, सफल सुखी संसार ऊपर से शरीफ दिखे, भीतर
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