गीतिका/ग़ज़ल राम किशोर उपाध्याय 11/07/201509/07/2015 ग़ज़ल आज हर शख्स क्यों बेवजह ही परेशान है हँस रहे हैं सुमन सब मगर डाल वीरान है लुट चुकी चाँदनी,चाँद Read More
गीतिका/ग़ज़ल राम किशोर उपाध्याय 10/07/201509/07/2015 ग़ज़ल फल गयी आपकी हर दुआ फिर किसे क्या कहें दर्द को मिल गयी जब दवा फिर किसे क्या कहे इश्क Read More
गीतिका/ग़ज़ल राम किशोर उपाध्याय 09/07/2015 ग़ज़ल बंदगी के सिवा ना हमें कुछ गंवारा हुआ आदमी ही सदा आदमी का सहारा हुआ बिक रहे है सभी क्या Read More