मैं कन्या हूँ
सहमी-सहमी , डरी-डरी -सी रहती थी हर क्षण जब से माँ ने करवाया भ्रूण परीक्षण। ‘मैं कन्या हूँ’ यह
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Read Moreआदतों में बदलाव खोजती है ज़िन्दगी में ठहराव खोजती है प्रकृति हम मनुष्यों में फिर से मनुष्यता का भाव खोजती
Read Moreआधुनिकता की सौगात, गुम सज्जनता और सरलता। दम तोड़ता इंसानियत, जीवन में बस रिक्तता ही रिक्तता। समझौते पर टिका रिश्ता,
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