मैं सांझ, तू सवेरा
मैं सांझ, तू सवेरा ।फिर भी आंख में ख्वाब है ,सिर्फ तेरा ।एहसास मुझे है इतना भी,जब सुबह की रोशनी
Read Moreमैं सांझ, तू सवेरा ।फिर भी आंख में ख्वाब है ,सिर्फ तेरा ।एहसास मुझे है इतना भी,जब सुबह की रोशनी
Read Moreसुनो दिल की बातों से भी, अब यह दिल नहीं भरता । कैसी हकीकत है ये हमारी, कि अब ख्वाब
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