काश मेरा भी बचपन लौट आये
जब से नन्हीं परी हमारे घर है आई जिंदगी में जैसे बहारों को खींच कर है लाई नन्हीं चिड़िया की
Read Moreजब से नन्हीं परी हमारे घर है आई जिंदगी में जैसे बहारों को खींच कर है लाई नन्हीं चिड़िया की
Read Moreपरिंदों से सीखो कैसे नापना गगन रहते हैं हर परिस्थिति में मगन अपने में ही हमेशा रहते हैं मस्त न
Read Moreपानी की बून्द ने सागर से कहा मुझे जाना होगा छोड़ना होगा तेरा साथ चंद रोज़ की बात है फिर
Read Moreसंस्कारों के बिना है जो समाज बड़े छोटों की जो करता नहीं लिहाज़ भूलता जा रहा अपने सब रीति रिवाज़
Read Moreकैसा है आदमी कैसा उसका चरित्र देखने में भोला भाला काम हैं विचित्र दिमाग और सोच में भरी है गंदगी
Read Moreसुनो, मैं हूँ एक पुल दरिया, खड्डों,नालों पर पड़ा हूँ अपना सीना तान कर खड़ा हूँ आजके इंसान की तरह तोड़ने
Read Moreसरस्वती की वीना से निकली झंकार बार बार कहती है सुन सुन सुन सुन पानी का बुलबुला है यह जीवन
Read Moreरंग बदलने में जिसका नहीं कोई सानी उस गिरगिट को बहुत बार रंग बदलते देखा है सादगी बहुत होती थी
Read Moreजीवन में रिश्ते बहुत हैं अनोखे कुछ से मिलता प्यार कुछ से मिलते हैं धोखे कुछ को मिलता है अपनापन
Read Moreयह लोकतंत्र नहीं भेड़तंत्र बन गया है जिधर दिखा पैसा बस उधर चल पड़ा है जब जी चाहे पाला बदल
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