गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 05/03/202505/03/2025 0 Comments ग़ज़ल आ गये हैं तेरी पनाह में देखो।बसते मेरी ही चाह में देखो।। पा ही लेंगे तुम्हें हम कैसे भी।अब खड़े Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 03/03/202503/03/2025 0 Comments ग़ज़ल आ गये हैं तेरी पनाह में देखो।बसते मेरी ही चाह में देखो।। पा ही लेंगे तुम्हें हम कैसे भी।अब खड़े Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 26/02/202526/02/2025 0 Comments ग़ज़ल सुनो इस देश का ही स्तर ऊपर अब उठाना है।।अभी सुन लो हमें अपना हुनर सबको दिखाना है। उठाये सिर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 21/02/202521/02/2025 ग़ज़ल मिल रहा है अब सुकूं करते हुये इक़रार में।आ रहा है अब मज़ा बढ़ते हुये इस प्यार में।। देखते ही Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 21/02/202521/02/2025 ग़ज़ल मिल रहा है अब सकूं करते हुये इक़रार में।आ रहा है अब मज़ा बढ़ते हुये इस प्यार में।। देखते ही Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 20/02/202520/02/2025 ग़ज़ल चाँद को आज ही तो मगन देखिए।हँस रही चाँदनी अब सजन देखिए।। नीलिमा ही लिए आज खुश हो रहा।ये अभी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/02/202515/02/2025 ग़ज़ल देख दूजों को हँसा करके मज़ा लेते हैं।आज भूखों को खिला करके मजा लेते हैं।। प्यार करते हैं बताते कब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 08/02/202508/02/2025 ग़ज़ल देख हर कोई यहाँ नादान है।ज़िंदगी से रख सके पहचान है। बात छोटी पर परेशानी बढ़े।वे न लेते तब मगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 21/01/202521/01/2025 ग़ज़ल खड़े हैं राह में दुश्मन, हृदय है मातु का घायल।देश की यादें सतातीं, प्रिया है प्रेम में पागल। उड़ता जाता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/01/202515/01/2025 ग़ज़ल वो हमें देने तभी ताने लगे।खूब हम पर ही सितम ढाने लगे। सोच हमको ही बना अपना लिया।फिर हमें ही Read More