गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 28/04/202529/04/2025 0 Comments ग़ज़ल आज उसी ने खुद को तगड़ा कर लिया।काटते ही फ़सलें लो भँगड़ा कर लिया।। वो समझता देख सबको कुछ नही।आज Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 25/04/202529/04/2025 0 Comments ग़ज़ल अब दर्द ही दिखाना, आँसू हमें बहाना।आगे क़दम बढ़ाना, पीछे न पग हटाना।। जो हैं गुनाह करते, कर ख़त्म दें Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 18/04/202529/04/2025 0 Comments ग़ज़ल आज हम कर रहे हैं मनन प्यार सेअब खिलाते यहीं तो चमन प्यार से छेड़खानी करो पर झगड़ा नहींदेख तक़रार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 17/04/202529/04/2025 0 Comments ग़ज़ल ये हुस्न तेरा बना ही क़ातिल, मरें मराना लगा रहेगा।खुली ही खिड़की सदा रहेगी, अभी तो आना लगा रहेगा। बढ़ा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 16/04/202529/04/2025 0 Comments ग़ज़ल मौसमे – बहारां में हम मोम – से पिघल जाएँगेबनी जो दूरी बता उसे कैसे मिटा पायेंगे मरने से पहले Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 06/04/202506/04/2025 ग़ज़ल देख तड़पेंगे सदा उल्फ़त अगर हो जायेगी।चुप रहेंगे हम भले सबको ख़बर हो जायेगी।। जो चले हो अब हमारे संग Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/04/202530/03/2025 ग़ज़ल देख तड़पेंगे सदा उल्फ़त अगर हो जायेगी।चुप रहेंगे हम भले सबको ख़बर हो जायेगी।। जो चले हो अब हमारे संग Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 29/03/202529/03/2025 ग़ज़ल वफ़ा मेरी इबादत माँगती है।सुनो अब यह ख़िलाफ़त माँगती है।। न हो अब राह में कोई भटकता।इसी की ही सदाकत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 23/03/202523/03/2025 ग़ज़ल अभी मेरी किसी दिल में समाने की तमन्ना है।किसी पर प्यार अपना ही लुटाने की तमन्ना है।। मिले जो दर्द Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/03/202515/03/2025 ग़ज़ल याद देखो बेवजह हमको न आया कीजिये ।ख़्वाब में आकर न यूँ हमको रुलाया कीजिये।। दर्द कहते आज अपना हम Read More