कुकुभ छन्द गीत – जंग जीत ही जायेंगे
कोरोना से छिड़ी भयंकर,जंग जीत ही जायेंगे । अभी ज़रा विचलित हैं लेकिन,कब तक यूँ घबरायेंगे ।। मानवता के शुक्ष्म
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Read Moreकुछ तो लोग कहेंगे इसकी,करे उम्र भर क्यों परवाह । नाहक ही खुशियां खो बैठे,अंतर्मन का करके दाह । उलझ
Read Moreओढ़ निराशा का आँचल जो ,क्रंदन को मजबूर हुई । विवश उसी भारत माता की,व्यथा सुनाने आयी हूँ । छंद
Read Moreझाँके मन में साया मां का, जब मैं हँसती, गाती। तेरी यादों की फुलवारी, मन अँगना खिल जाती। दिनकर से
Read Moreउपवन-उपवन शाखा- शाखा ,कुहुक- कुहुक कोयलिया बोले मीठे- मीठे गीत सुनाकर, आमों में मीठा रस घोले । आम्र वृक्ष
Read Moreस्वर की लहरी पर मंद मंद , सागर की लहरें गीत गुनें । उठ- उठ गिर-गिर मद में बहकर ,जाने
Read Moreचली मनाने तीज सखी सब ,झूले डाले बागों में । गीत मनोहर छेड़ रही हैं ,मीठे -मीठे रागों में ।।1।।
Read Moreआओ भूलें!कटु अनुभव को, क्यों उनकी हम बात करें । संचित कर मृदु भाव हृदय में, आज नई शुरुआत करें
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