अश्रुपूरित श्रद्धांजलि महानायिका को
अविरल आँसू आँखों में भर, चली गयी निज धाम । हुआ शोक संतप्त देश है, लेकर उसका नाम। जब कोई
Read Moreअविरल आँसू आँखों में भर, चली गयी निज धाम । हुआ शोक संतप्त देश है, लेकर उसका नाम। जब कोई
Read Moreरिमझिम पड़े फुहार सुहानी,ऋतु वर्षा की आये । सँवर सँवर कर वृक्ष लताएं ,मन को रही रिझाये । घेरे में
Read Moreकलम कहीं कब रुक पाती है ,नभ में परे उड़ान । कह जाती है प्रीत दिलों की ,नयन लिए अरमान
Read Moreमन रूपी घट बसे साँवरे,फिर भी तृष्णा रही अधूरी । जैसे वन वन ढूँढ़ रहा मृग ,छिपी हुई मन में
Read Moreमेहनत मजदूरी कर करके ,इक परिवार चलाती माँ । दिन भर श्रम में जुट जानें को ,कुछ कम ही सो
Read Moreचली मनाने तीज सखी सब ,झूले डाले बागों में । गीत मनोहर छेड़ रही हैं ,मीठे -मीठे रागों में ।।1।।
Read Moreगुरु पद रज मैं मस्तक धारूँ , गुरु मेरा उद्धार करो । दुख संकट से आन् उबारो , प्रभु मुझ
Read Moreविविध भाँति के सजा मुखौटे,जग में खुली दुकान । भीतर कौन छुपा है कैसे, हो किसकी पहचान । हर कोई
Read Moreयादों का अविराम अँधेरा ,फिर से छाने वाला है । बरखा बूँदे ताप बढ़ाती ,सावन आने वाला है ।। बड़ा
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