गज़ल
छपी जब रोज़ इतराज़े रहेंगी कहाँ तक क़ैद आवाजें रहेंगी. वतन के वास्ते सब सोचते हैं, अजी क्या सिर्फ़ ये
Read Moreएक घर में चार बेटे बहुएँ ,उनकेबच्चे सभी चारों अपने अपने घर के कोनों में रहते थे| घरके बड़े मुखिया
Read Moreरमेश की पत्नी का बेटे के विवाह के कुछ दिनों बाद ही निधन हो गया| पत्नि के बिना घर रमेश
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