व्यंग्य – बात समझ में आई
अजीब सा सवाल था- उनका,सारा दिन घर पर करती क्या हो? पतिदेव की यह बातें सच में कांटे की तरह
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Read Moreबात। उन दिनों की है,जब मैं घर के कुछ भी काम -काज करना चाहती तो, पिताजी कहते तुम्हे घर के
Read Moreजिंदगी खूबसूरत है, बस जीने के अंदाज तू बदल ले, कल जो हुआ वो आज भी हो, बस ये खयालात
Read Moreबात उन दिनों की है, जब मेरे पापा ने एक ऐसे लडके से शादी सेट कर दी, जिसका रंग बहुत
Read Moreबात उन दिनों की है ,जब मेरी शादी हो गई ,और मैं ससुराल गई ,ससुराल में करीब तीन महीने रही
Read Moreसुबह के करीब आठ बज चुके थे, और शर्मा जी को ऑफिस 9:00 बजे जाना था, इसलिए वो काफी परेशान
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