बाल कविता : गिलहरी
एक गिलहरी पेड़ पे बैठी टुकुर टुकुर कुछ देखे पूँछ उठाकर गिल्लो रानी धीरे धीरे उतरे इधर देखे,उधर देखे उतरे
Read Moreएक गिलहरी पेड़ पे बैठी टुकुर टुकुर कुछ देखे पूँछ उठाकर गिल्लो रानी धीरे धीरे उतरे इधर देखे,उधर देखे उतरे
Read Moreजब तू खिलखिला कर हँसता है सोचती हूँ….. तेरी किलकारियों मे ही विद्यमान होते हैं सातों स्वर ! मासूमियत,चंचलता,कोमलता तेरी
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