Author: *डॉ. रूपचन्द शास्त्री 'मयंक'

बाल कविता

“रंग-बिरंगी पेंसिलें”

रंग-बिरंगी पेंसिलें तो, हमको खूब लुभाती हैं। ये ही हमसे ए.बी.सी.डी., क.ख.ग. लिखवाती हैं।। रेखा-चित्र बनाना, इनके बिना असम्भव होता।

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