“क्या हो गया है”
आज मेरे देश को क्या हो गया है? मख़मली परिवेश को क्या हो गया है? पुष्प-कलिकाओं पे भँवरे, रात-दिन मँडरा
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Read Moreघुमाकर बात को करना, शरीफों की नजाकत है भले ही बात हो वजनी, मगर उसमें सियासत है छुरी को जब
Read Moreसम्बन्धों की दुनिया में, अनुबन्धों की मत बात करो। सपने कब अपने होते हैं, सपनों की मत बात करो।। लक्ष्य
Read Moreदुर्गम पथरीला पथ है, जिसमें कोई सोपान नहीं। मैदानों से पर्वत पर, चढ़ना होता आसान नहीं।। रहते हैं आराध्य देव,
Read Moreसीधा-सादा. भोला-भाला। बच्चों का संसार निराला।। बचपन सबसे होता अच्छा। बच्चों का मन होता सच्चा। पल में रूठें, पल में
Read Moreसिसक-सिसक कर स्लेट जी रही, तख्ती ने दम तोड़ दिया है। सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है, कलम टाट का छोड़ दिया
Read Moreहमारा ही नमक खाते, हमीं पर वार करते हैं जहर मॆं बुझाकर खंजर, जिगर के पार करते हैं शराफत ये
Read Moreजब बालक की पीठ पर, लदा दुआ हो भार पढ़ने के सपने कहाँ, फिर होंगे साकार।। चमत्कार से के फेर
Read Moreमुखपोथी के झाड़ में, कच्चे-पक्के बेर। जिन्हें न आती शायरी, वो भी कहते शेर।। सिद्ध हो रही साधना, सफल हुआ
Read Moreमई महीना आता है और, जब गर्मी बढ़ जाती है। नानी जी के घर की मुझको, बेहद याद सताती है।।
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