“नीर पावन बनाओ करो आचमन”
जो हैं कोमल-सरल उनको मेरा नमन। जो घमण्डी हैं उनका ही होता पतन।। कुछ भी दुर्लभ नहीं आदमी के लिए,
Read Moreजो हैं कोमल-सरल उनको मेरा नमन। जो घमण्डी हैं उनका ही होता पतन।। कुछ भी दुर्लभ नहीं आदमी के लिए,
Read Moreमास्साब मत पकड़ो कान। है जुकाम से बहुत थकान।। सरदी से ठिठुरे हैं हाथ। नहीं दे रहे कुछ भी साथ।।
Read Moreजलने को परवाना आतुर, आशा के दीप जलाओ तो। कब से बैठा प्यासा चातुर, गगरी से जल छलकाओ तो।। मधुवन
Read Moreआज मेरे देश को क्या हो गया है? मख़मली परिवेश को क्या हो गया है? पुष्प-कलिकाओं पे भँवरे, रात-दिन मँडरा
Read Moreघुमाकर बात को करना, शरीफों की नजाकत है भले ही बात हो वजनी, मगर उसमें सियासत है छुरी को जब
Read Moreसम्बन्धों की दुनिया में, अनुबन्धों की मत बात करो। सपने कब अपने होते हैं, सपनों की मत बात करो।। लक्ष्य
Read Moreदुर्गम पथरीला पथ है, जिसमें कोई सोपान नहीं। मैदानों से पर्वत पर, चढ़ना होता आसान नहीं।। रहते हैं आराध्य देव,
Read Moreसीधा-सादा. भोला-भाला। बच्चों का संसार निराला।। बचपन सबसे होता अच्छा। बच्चों का मन होता सच्चा। पल में रूठें, पल में
Read Moreसिसक-सिसक कर स्लेट जी रही, तख्ती ने दम तोड़ दिया है। सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है, कलम टाट का छोड़ दिया
Read Moreहमारा ही नमक खाते, हमीं पर वार करते हैं जहर मॆं बुझाकर खंजर, जिगर के पार करते हैं शराफत ये
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