“हो गयी पूरी कहानी”
ढल गयी है अब जवानी मिट गयी है सब रवानी शाम देती है अन्धेरा सुबह होती है सुहानी दे रहे
Read Moreढल गयी है अब जवानी मिट गयी है सब रवानी शाम देती है अन्धेरा सुबह होती है सुहानी दे रहे
Read Moreजिसमें हों व्यञ्जन भरे, वही व्यञ्जना मीत। बन जाते हैं इन्हीं से, जीवन के कुछ गीत।। — दिल से निकले
Read Moreयाद हमेशा कीजिए, वीरों का बलिदान। सीमाओं पर देश की, देते जान जवान।। — उनकी शौर्य कहानियाँ, गाते धरती-व्योम। आजादी
Read Moreजब गर्मी का मौसम आता, सूरज तन-मन को झुलसाता। तन से टप-टप बहे पसीना, जीना दूभर होता जाता। ऐसे मौसम
Read Moreरतन की खोज में हमने, खँगाला था समन्दर को इरादों की बुलन्दी से, बदल डाला मुकद्दर को लगी दिल में
Read Moreजब भी सुखद-सलोने सपने, नयनों में छा आते हैं। गाँवों के निश्छल जीवन की, हमको याद दिलाते हैं। सूरज उगने
Read Moreपथ उनको क्या भटकायेगा, जो अपनी खुद राह बनाते भूले-भटके राही को वो, उसकी मंजिल तक पहुँचाते अल्फाज़ों के चतुर
Read Moreप्रीत की पोथियाँ बाँचते-बाँचते, झुक गयी है कमर, ढल गयी है उमर। फासलों की फसल काटते-काटते, झुक गयी है कमर,
Read Moreदर्द की छाँव में मुस्कराते रहे फूल बनकर सदा खिलखिलाते रहे हमको राहे-वफा में ज़फाएँ मिली ज़िन्दग़ी भर उन्हें आज़माते
Read Moreजल में-थल में, नीलगगन में, जो कर देता है उजियारा। सबकी आँखों को भाता है, रूप तुम्हारा प्यारा-प्यारा।। कलियाँ चहक
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