दोहागीत “फीके हैं त्यौहार”
बात-बात पर हो रही, आपस में तकरार।भाई-भाई में नहीं, पहले जैसा प्यार।।(१)बेकारी में भा रहा, सबको आज विदेश।खुदगर्ज़ी में खो
Read Moreबात-बात पर हो रही, आपस में तकरार।भाई-भाई में नहीं, पहले जैसा प्यार।।(१)बेकारी में भा रहा, सबको आज विदेश।खुदगर्ज़ी में खो
Read Moreसुख का सूरज नहीं गगन में।कुहरा पसरा आज चमन में।।—पाला पड़ता, शीत बरसता,सर्दी में है बदन ठिठुरता,तन ढकने को वस्त्र
Read Moreकुहरा करता है मनमानी।जाड़े पर आ गयी जवानी।।—नभ में धुआँ-धुआँ सा छाया,शीतलता ने असर दिखाया,काँप रही है थर-थर काया,हीटर-गीजर शुरू
Read Moreहिम्मत अभी नहीं हारी हैजंग ज़िन्दगी की जारी है—मोह पाश में बँधा हुआ हूँये ही तो दुनियादारी है—ज्वाला शान्त हो
Read Moreजो काम नही कर पायें दूसरे,वो जोकर कर जाये।सरकस मे जोकर ही,दर्शक-गण को खूब रिझाये।—नाक नुकीली, चड्ढी ढीली,लम्बी टोपी पहने,उछल-कूद
Read Moreअपने छोटे से जीवन मेंकितने सपने देखे मन में—इठलाना-बलखाना सीखाहँसना और हँसाना सीखासखियों के संग झूला-झूलामैंने इस प्यारे मधुबन मेंकितने
Read Moreमैं अपनी मम्मी-पापा के,नयनों का हूँ नन्हा-तारा।मुझको लाकर देते हैं वो,रंग-बिरंगा सा गुब्बारा।।—मुझे कार में बैठाकर,वो रोज घुमाने जाते हैं।पापा
Read More“हर सिक्के के दो पहलू हैं”—हर सिक्के के दो पहलू हैं,उलट-पलटकर देख ज़रा।बिन परखे क्या पता चलेगा,किसमें कितना खोट भरा।।—हर
Read Moreजननी-जन्मभूमि को अपनी,बच्चों कभी नहीं बिसराना।ठाठ-बाट को छोड़ हमेशा,साधारण जीवन अपनाना।।—रोज नियम से आप सींचना,अपनी बगिया की फुलवारी।मत-मजहब के गुलदस्ते
Read Moreकोरोना नेहमारे चारों ओरजाल बुन लिया है—जाल!हाँ जी!जाल तो जाल ही होता हैचाहे वह मकड़ी का जाल होया बहेलिए का
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