शक्ति रूप
नवजीवन का सृजन वो करती, स्नेह से सबका जीवन भरती; परन्तु उसके लिए ही क्यों घनघोर मेघ की गर्जना थी,
Read Moreआज मेरी बुआ की चिट्ठी आई है मोती की तरह सुंदर, उनकी लिखाई है, परिवार की हर बेटी को उन्होंने
Read Moreआज बाबा के घुटनों में दर्द था,क्योंकि मौसम थोड़ा सर्द था!उन्होंने पड़ोस वाले काका को बुलाया,बस वही तो उनका हमदर्द
Read Moreहम साथ खेलते-खेलते कब बड़े हो गए, पता न चला, हम लड़ते झगड़ते कब समझदार बन गए, पता न चला,
Read Moreउच्च शिखर था लक्ष्य, समय था निष्पक्ष, देह था क्लान्त, और मन था अशान्त! ताप था प्रचण्ड, पथ था दुर्गम,
Read Moreशीतल व सुन्दर स्वरूप, कुछ ऐसा है उसका प्रारूप प्रिय है वो सबकी, साधारण मनुज हो या भूप साहित्य और
Read Moreएक न एक दिन मेरी कोशिशें रंग लाएंगी; एक न एक दिन सूरज की किरणें घर आएंगी! एक न
Read Moreजाग उठा ये भारत देश, देने सबको ये संदेश, कि अब पढ़ेगा इंडिया और आगे बढ़ेगा इंडिया! देश के
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