इन सरकारों का सर्कस
थोड़ी-सी भी शर्म अगर बची है, दोनों सरकारों में…. जब बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी यह कह रहा
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Read More“सिर्फ एक चम्मच से आप ‘खीर’ भी परोस सकते हैं, तो मटन या चिकेन भी ! वही हालत ‘चमचे’ की
Read Moreएक स्कूल इंस्पेक्टर की जयंती ! क्या प्रेमचंद कायर थे ? नवाब की राय नहीं बनी, धनपत की राय नहीं
Read Moreवे दोनों किताब ‘विदेश’ (यूक्रेन) में रह रहे एक हिंदी लेखक के पास पहुंची ! ‘थर्ड जेंडर’ की जिंदगी पर
Read Moreगोदान के होरी और मेहता यानी ‘प्रेमचंद’ ! एक व्यक्ति जिनका नाम ‘नवाब’ रहा, ‘धनपत’ रहा, परंतु ताज़िन्दगी कष्टों, अभावों
Read Moreचुलबुली, भींगी और शोख रात्रि यहीं तक ! शुभ संध्या लिए आप बारिश में भींग गए होंगे ! मैं और
Read Moreकिसी ने सच कहा है- नेताजी ने वृक्षारोपण का, ऐसा अभियान चलाया; उद्घाटन में सर्वप्रथम- ‘नागफनी’ का पौधा लगाया !
Read Moreवे कुशवाहा (कोईरी) जाति से थे ! उनके पिता का नाम सौमेश्वर सिंह था, जो ब्रिटिश इंडियन आर्मी में एक
Read More“सिर्फ एक चम्मच से आप ‘खीर’ भी परोस सकते हैं, तो मटन या चिकेन भी ! वही हालत ‘चमचे’ की
Read Moreकहना अप्रासंगिक नहीं होगा, ‘हंस’ भी उस आलेख से और भी पहचाने गए थे! उनकी ज़िद ने मेरे आलेख को
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