क्या यही जिंदगी है ?
गणेशवाहन पत्थर का हो, तो सभी पूजते हैं, मगर जिंदा हो, उसे मारे बगैर हमें चैन कहाँ? सांप अगर पत्थर
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Read Moreप्यार, जवानी और कोविड एक जैसे हैं- ये तीनों जब भी बढ़ते हैं, ‘लॉकडाउन’ करके ही मानते हैं ! साला
Read Moreआनंद (‘सुपर थर्टी’ के गणित शिक्षक) और सदानंद (मैं) पटना के मुसल्लहपुर की गलियों में लगभग एक साथ IAS बनने
Read Moreसच्चा सुख ‘अध्यात्म’ है ! किसी ने ठीक ही कहा है- किसी के दिल में रहते हो तो घर बनाने
Read Moreअतिविश्वास नहीं हो, आत्मविश्वास तो ठीक है ! वैसे ‘नेपाल’ सम्राट अशोक के मगध साम्राज्य में था, जो महाभारतकालीन भारतवर्ष
Read Moreमेरे वरिष्ठ सहकर्मी और उर्दू पत्रकार ‘रब्बानी सर’ (श्री नईम अख़्तर रब्बानी सर) के 57वें जन्मदिवस पर उनके स्वस्थजीवन और
Read Moreऐसे भी लोग हैं, जो दूसरों को कभी नहीं खिलाते हैं, पर दूसरों से खाने के चक्कर में उनकी शादी-ब्याह
Read Moreएक मित्र है उनकी शादी है, थे पहले बिखरे-बिखरे; और कल से ही वे मुझसे, हैं उखड़े-उखड़े ! एक शिक्षक
Read Moreहर जोर, जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है.. भारत के नियोजित शिक्षक एक हो ! कवि धूमिल जी
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