निवेदित प्रसंग
निवेदन है कि जिसने प्रसव वेदना झेलकर और मुझे खूब रुलाकर, किन्तु पिता और परिवार को मुस्कराने का अवसर प्रदान
Read Moreनिवेदन है कि जिसने प्रसव वेदना झेलकर और मुझे खूब रुलाकर, किन्तु पिता और परिवार को मुस्कराने का अवसर प्रदान
Read Moreये जो है मजनूँ का टीला एक जगह का नाम है, किन्तु वहाँ लैलाओं के सम्मान में कोई स्मारक नहीं
Read Moreसत्ता रानी मधुमक्खी है, जिस पर तमाम राजनीतिक पार्टी चस्पने की ख्वाहिशें रखते हैं, स्वार्थी सभी हैं, जनहित में कोई
Read Moreआखिर क्यों पीटी शिक्षकों को बीएलओ का कार्य दिए जाते हैं ? क्यों पुरूष शिक्षकों को पिता बनने पर सिर्फ
Read Moreसभी धर्मों की बलि कुप्रथा और रूढ़ परम्पराओं पर रोक लगे ! कोई भी बलि हिंसक स्थिति है ! हम
Read Moreतीन सरकारी पदों की घोषणा अवश्य हो… ‘सरकारी गरीब पद’ ‘सरकारी किसान पद’ ‘सरकारी भिखारी पद’। लो केरल में तीन
Read Moreविदेश से पुरस्कृत होनेवाली पहली अभिनेत्री, तो अभिनेत्री मुनमुन सेन की माँ और रिमी सेन एवं राइमा सेन की नानी
Read Moreसंत महावीर जैन अगर आज रहते, तो यही कहते- सुरक्षित और संयमित दिनचर्या में रहकर…. क्योंकि महामारी से निजात पाने
Read Moreदुनिया को ‘आँचलिकता’ से रूबरू करानेवाले हिंदी के पहले उपन्यासकार शिवपूजन सहाय थे। उनकी औपन्यासिक कृति ‘देहाती दुनिया’ की प्रथम
Read More