खुद को जलाता चला गया
उसके होंठों को यूँ छूता चला गया बहुत प्यासा था,मैं पीता चला गया उनकी निगाहों में कोई तो समंदर है
Read Moreउसके होंठों को यूँ छूता चला गया बहुत प्यासा था,मैं पीता चला गया उनकी निगाहों में कोई तो समंदर है
Read Moreजिसे चाहिए वो खुद इस के तस्सवुर में आए इश्क़ भी कभी औरों के भरोसे की गई है क्या मेरी
Read Moreवो खरीद लेता था सबके आँसू बेधड़क वो इस ज़माने के लिए अभी समझदार न था कुछ तो कमी थी
Read Moreमुद्दा ये नहीं है कि मसला हल हो जाए उनकी ये जिद्द है कि अब जाँ ही निकल जाए एक
Read Moreआँखों में नशा,जिस्म में खुमारी है मेरे इश्क़ का सफर अभी जारी है मुझे देख वो हया में लिपट जाती
Read Moreएक हम ही तो नहीं बेकरार यहाँ चाँदनी रातों में वो भी जागती होगी दुआओं में निगाह जो उठती होगी
Read Moreशाम ढ़ल चुकी,मुझे आसमाँ के तारे ला के दे दो एक,दो नहीं चाहिए,मुझे सारे के सारे ला के दे दो
Read Moreये तुम्हारी जड़ता तुम्हारी अकर्मण्यता एक दिन उत्तरदायी होंगी तुम्हारे ह्रास का और कठघरे में खड़ी होंगी और जवाब देंगी
Read Moreकविता सफल वही जो गीतों में ढल जाए कभी क्रान्ति तो कभी रीतों में बदल जाए सुख का प्रणेता बने
Read Moreआज तुम मुझे नकार दोगे अपनी आत्म-संतुष्टि की भूख में गिरा दोगे मुझे मेरे शीर्ष से जो मुझे प्राप्त हुआ
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