मेरी कविताएँ
मेरी कविताएँ नहीं होना चाहती शामिल निरर्थक आपाधापी में शेयर,लाइक,कमेंट्स की झूठी मक्कारी में जहाँ भाव,अर्थ सब नदारद हैं किसी
Read Moreमेरी कविताएँ नहीं होना चाहती शामिल निरर्थक आपाधापी में शेयर,लाइक,कमेंट्स की झूठी मक्कारी में जहाँ भाव,अर्थ सब नदारद हैं किसी
Read Moreवायदे बेचने का ये बाज़ार नया नया है कहते हैं साहेब का रोज़गार नया नया है दिल जीत लेते थे
Read Moreमुझे भर के अपनी निगाहों में सपने बनाया कर और मेरी नींदों को भी सतरंगी शमां दिखाया कर यकीं कर,तुम्हारे
Read Moreमुझे मैकदों की खबर दे,अभी प्यालों को खबर न दे मैं खुद को खोना चाहता हूँ ,उजालों की खबर न
Read Moreमैं ग़मों से घिरा हुआ हूँ कई सदी से तुम आना कभी तो नज़र उतार देना माँ नहीं रही तो
Read Moreतुम लेके आओ भीड़,मैं मुँह मोड़ लेता हूँ इंसानियत से अब हर रिश्ता तोड़ लेता हूँ जानवरों के लिए इंसानों
Read Moreबस मुझे ही अपनी गलियों में यूँ ही न बुलाया कर कभी चाँद बनके तू भी मेरी छत पे आ
Read Moreक़त्ल हुआ और यह शहर सोता रहा अपनी बेबसी पर दिन-रात रोता रहा ।।1।। भाईचारे की मिठास इसे रास नहीं
Read More“प्यार की मजार पे चढ़ाए गए फूल भी फूल ही होते हैं,जो बीतते वक़्त के साथ मुरझाने लगते हैं। जो
Read Moreदरिया भी देखा,समन्दर भी देखा और तेरे आँखों का पानी देख लिया दहकता हुश्न,लज़ीज नज़ाकत और तेरी बेपरवाह जवानी देख
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