कविताएँ
विषय अफवाह ——– कल मेरी मौत की उड़ी अफवाह ! सारे अखबारों ने सम्पादकीय छापे । सारे चैनल दनदनाते रहे
Read Moreहम इंसान हैं ! तो क्यों ? जानवर सरीखे हो जाते हैं ! अपने विवेक से दूर होकर, भूल इंसानियत
Read Moreकहाँ खो गया वो स्वप्न सरीखा , सुंदर ,सलोना गांव अनोखा । भ्रातृत्व का खुलता था जहां , स्नेह ,अपनत्व
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