विरहिणी की व्यथा
दिल तमन्ना लिए बैठा है की वो आएगा फिर से मेरी जिंदगी में एक प्यारी सुबह लाएगा। पर घबराता है
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Read Moreपहले के श्रवण मात-पिता को कावड काँधे धार रहे, आज के श्रवण मात-पिता को देखो ठोकर मार रहे-2 दुष्ट दुशासन
Read Moreजब काम क्रोध और लोभ मोह सत्ता का नशा त्याग दोगे जब निर्दयता क्रूरता पाप और ईर्ष्या द्वेष त्याग दोगे,
Read Moreनिशा नाश की नीव लगी तब, समझो उदिता हुआ उजियारा। दैत्य प्रसंग विलुप्त भए तब, किरणों ने धरा पर पैर
Read Moreदेश रक्षा की खातिर जो अमित बलिदान देते हैं, चीर सीना हिमालय का शत्रु को मात देते हैं। कई लाशें
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