गणितीय मुक्तक
बिंदु-बिंदु रखते रहे, जुड़ हो गयी लकीर। जोड़ा किस्मत ने घटा, झट कर दिया फकीर।। कोशिश-कोशिश गुणा का, आरक्षण से
Read Moreबिंदु-बिंदु रखते रहे, जुड़ हो गयी लकीर। जोड़ा किस्मत ने घटा, झट कर दिया फकीर।। कोशिश-कोशिश गुणा का, आरक्षण से
Read Moreराष्ट्र एकता-शक्ति का, पंथ वरे मिल साथ। पैर रखें भू पर छुएँ, नभ को अपने हाथ।। अनुशासन का वरण कर,
Read Moreदोहा विश्व साहित्य का सर्वाधिक पुरातन और प्रभावी छंद है। यह अतिशयोक्ति नहीं सत्य है कि दोहा ने संभावित युध्दों
Read Moreहुरियारों पे शारद मात सदय हों, जाग्रत सदा विवेक रहे हैं चित्र जो गुप्त रहे मन में, साकार हों कवि
Read More