देश प्रेम की अमृत वर्षा
अश्कों में वो देश प्रेम की अमृत वर्षा आज भी है, जो सुनी थी कहानी देश प्रेम की। नयनों में
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Read Moreउठे जब भी कलम मेरी अधरों पर कुछ विचार लिए। चल पड़ती हूँ तब में कुछ नयें अंदाज लिए।। सोचती
Read Moreयामिनी की इस प्रहरी में तुम्हारा अहसास महसूस हो रहा है। जैसे धीरे- धीरे चाँद ढल रहा है ।। कुछ
Read Moreवादियों की छाँव में जो वक्त गुजरा कितना शकून भरा था वो पेड़ो से भरा प्रकृति का किनारा,, कुछ पल
Read Moreये सूरज की किरणों का मुस्कुराना वो गुजरा हुआ जमाना,। एक एक किरण में है, वो अहसास पुराना, वो पहली
Read Moreबैठी हूँ तरू तल में अपनी क्लान्तियों को लिए हुए, देख रही हूँ चंचल मन तितलियों को लिए हुए,। झूम
Read Moreतुम मेरी किताब का वो पहला पन्ना हो, जब खोलती हूँ किताब तो, तुम ही नज़र आते हो। सांझ कहीं
Read Moreकितने इम्तहान दिये मैंने, कितनी तकलीफें सही मैंने, मगर तेरे दिल के किसी कौने में, में नहीं। बरसों इन्तजार किया
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