इजहार प्यार का
घने वाग – वगीचों के बीच एक नव निर्मल लड़की देखी बीच , उसके दाँत तारों से चमक रहे थे
Read Moreघने वाग – वगीचों के बीच एक नव निर्मल लड़की देखी बीच , उसके दाँत तारों से चमक रहे थे
Read Moreनव वर्ष का भोर आया है नये खग- कल गान लाया है धरा पे मधुर मकरन्द छाया है पुष्पित फूलों
Read Moreपहले तन मन की आजादी थी सुबह निकल घरों से घूमा करते थे मस्त वादियों में दाना चुगकर आ जाया
Read Moreआया मन भावन दीपों का पर्व निराला प्रकाश पुंज आलोकित हो, खुशियों का अमृत प्याला तेरे प्यार में प्रतिपद रचने
Read Moreहो तुम जहाँ रहती हो साँसों में यादो के भोरे मडराने लगते है रातों में बनके चाँदनी तुम दिल
Read Moreजो संवारा था घर आँगन डूबा है विरह में खोजता-फिरता हूं दलहीज पर उन स्पर्शों को जब याद दिलाती वो
Read Moreये नदियां ये बहारें और ये हुस्न परियां चारों ओर फूल कलियां और नजारे देख इनको याद आयी तुम्हारी सांझ
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