काश ये आता समझ हर आदमी को…
काश ये आता समझ हर आदमी को रंजिशें देती नहीं खुशियाँ किसी को झूठ की हमदर्दियाँ डँसने लगी हैं नाग
Read Moreकाश ये आता समझ हर आदमी को रंजिशें देती नहीं खुशियाँ किसी को झूठ की हमदर्दियाँ डँसने लगी हैं नाग
Read Moreपर्वत के पीछे हुआ, ज्यों ज्यों अम्बर लाल। पर्वत चाँदी हो गये, बादल हुए गुलाल।। भोर सुन्दरी आ गयी, धर
Read Moreहोट पर मुस्कान चेहरे पर खुशी अच्छी लगी हो रही है आप में जो तब्दिली अच्छी लगी दिख रहा है
Read Moreलोभ द्वेष का नित बढ़ता तम, पथ से कदम नही भटका दे। इसीलिये अपने अंतस का, दीप जलाना सीख रहा
Read Moreएक गलत फ़हमी जीवन में मंज़र कैसा दे जाती है पछतावा आँसू तन्हाई जाने क्या क्या दे जाती है महफिल
Read Moreमंजिलें उस ओर थीं जाने किधर जाने लगे छोड़ कर अपनी ड़गर हम किस ड़गर जाने लगे कल तलक जिस
Read Moreप्यार वफ़ा कस्में वादे बातें केवल निकले रिश्तों की चादर में लिपटे अनगिन छल निकले अपनों के आँसू परखे तो
Read Moreफ़र्ज से दिन रात करना बेवफ़ाई छोड़ दो छोड़ दो शैतानियत या रहनुमाई छोड़ दो दूसरों की बात को जो
Read Moreमंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारों से बाहर निकलो आड़म्बर की मीनारों से बाहर निकलो इससे पहले दम घुट जाए दीवारों में तुम
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