मंजिलें उस ओर थीं जाने किधर जाने लगे
मंजिलें उस ओर थीं जाने किधर जाने लगे छोड़ कर अपनी ड़गर हम किस ड़गर जाने लगे कल तलक जिस
Read Moreमंजिलें उस ओर थीं जाने किधर जाने लगे छोड़ कर अपनी ड़गर हम किस ड़गर जाने लगे कल तलक जिस
Read Moreप्यार वफ़ा कस्में वादे बातें केवल निकले रिश्तों की चादर में लिपटे अनगिन छल निकले अपनों के आँसू परखे तो
Read Moreफ़र्ज से दिन रात करना बेवफ़ाई छोड़ दो छोड़ दो शैतानियत या रहनुमाई छोड़ दो दूसरों की बात को जो
Read Moreमंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारों से बाहर निकलो आड़म्बर की मीनारों से बाहर निकलो इससे पहले दम घुट जाए दीवारों में तुम
Read Moreदेश के वकार और आन बान के लिये सब करें प्रयास भारती की शान के लिये द्वेष और लोभ की
Read Moreजो दिखता है अक्सर धोखा होता है हर चेहरे के पीछे चेहरा होता है बतलाते हैं गर्दिश के दिन हम
Read Moreदुख पीड़ाओं के कारण पर करते नही मनन। केवल चिंता ही चिंता में बीत रहा जीवन।। जीवन का सुख जब
Read Moreमाथे का चंदन बनी, दुर्भावों की धूल। पीपल आरोपित हुए, पूजित हुए बबूल।। जाने कैसा हो गया, माली का व्यवहार।
Read Moreबे वजह मुस्कुरा रहे हो क्यूँ जो नही है दिखा रहे हो क्यूँ होट पर बात है अगर दिल की
Read Moreआग निकली फ़कत धुँआ निकला क्या तमन्ना थी और क्या निकला जिसको सागर समझ रहे थे हम एक सूखा हुआ
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