गीत
परिवर्तन है नियम प्रकृति का यूँ ही चलता रहता है नये रंग में नये रूप में जीवन ढ़लता रहता है।
Read Moreकोरे सपने देख विजय का जश्न मनाने वाले लोग पछताते हैं सच्चाई से आँख चुराने वाले लोग किस्मत से यदि
Read Moreज़रूरी वक्त पर कुछ फ़ैसला करने नहीं देता बशर का ड़र बशर को कुछ नया करने नहीं देता समझते ख़ूब
Read Moreभाषणों से विष हवाओं में मिलाया जाएगा धार्मिक उन्माद को फिर से जगाया जाएगा नफ़रतों की आग में गुलशन जलाया
Read Moreजितना पूजा पाठ कीजिये, माला जपिये नाम की। जब तक मन में द्वेष रहेगा, भाव भक्ति किस काम की।। तन
Read Moreविजय वरण का मंत्र निहित है आत्म शक्ति में और लगन में है असफ़ल होने का मतलब कमी रही है
Read Moreबैठ मत यूँ मुश्किलों से हार कर। उठ चुनौती वक्त की स्वीकार कर।। कौन जाने भाग्य में विधि ने लिखा
Read Moreरंग मंच के पात्र निभाकर, निज किरदार चले जाएंगे। कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे।। मिलन
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