गीत
आँसू ख़ुशी अमिय विष जो भी हिस्से आया है। ये सब कुछ अपने कर्मों से स्वयं कमाया है। सार्वभौम है
Read Moreविजय वरण का मंत्र निहित है आत्म शक्ति में और लगन में है असफ़ल होने का मतलब कमी रही है
Read Moreबैठ मत यूँ मुश्किलों से हार कर। उठ चुनौती वक्त की स्वीकार कर।। कौन जाने भाग्य में विधि ने लिखा
Read Moreरंग मंच के पात्र निभाकर, निज किरदार चले जाएंगे। कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे।। मिलन
Read Moreअना सम्मान लहजा और तेवर छीन लेती है ग़रीबी क़द्र क्या दस्तार क्या सर छीन लेती है पदों पर बैठने
Read Moreरियाया इससे पहले की बग़ावत पर उतर आए अमीरे शहर से कह दो शराफ़त पर उतर आए दिया क्या साथ
Read Moreबगिया में ठूठ हुई शाखों, को देख निराश न हो माली। पतझर के बाद बहारों का, मौसम आता है आएगा।।
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