Author: डॉ. सत्यवान सौरभ

राजनीति

प्राइवेट सिस्टम का खेल : आम आदमी की जेब पर हमला

भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं।  प्राइवेट

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आज के दौर में भगवान महावीर के विचारों की प्रासंगिकता

आज के भौतिकवादी और असहिष्णु समय में भगवान महावीर के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने अहिंसा, सत्य,

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सामाजिक

मीडिया, स्त्री और सनसनी: क्या हम न्याय कर पा रहे हैं?

मीडिया में स्त्रियों की छवि और उससे जुड़ी सनसनीखेज रिपोर्टिंग ने आज गंभीर सवाल पैदा कर दिये है। कुछ घटनाओं

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पर्यावरण

किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे : हैदराबाद के जंगलों की चीख

खजागुड़ा जैसे जंगलों को शहरीकरण के नाम पर नष्ट किया जा रहा है, जिससे न केवल पेड़, बल्कि वन्यजीव और

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अन्य लेख

‘बिन तेरे बेचैन’ – हरियाणवी सिनेमा में प्रेम, जुनून और मानसिक उथल-पुथल की अनोखी कहानी*

यह फिल्म हरियाणवी सिनेमा के बदलते परिदृश्य को दर्शाती है, जो पारंपरिक कहानियों से आगे बढ़कर नए विषयों को अपनाने

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