एनकाउंटर लघुकथा
एनकाउंटर लघुकथा क्या हाल है शेखू लंगड़े? अरे ! इंस्पेक्टर दिग्विजय आप। हाँ शेखू! इंस्पेक्टर साहब! शेखू तो जेल में
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Read Moreभूमिका अर्थात आने वाली घटनाओं के लिए पृष्ठभूमि पूर्व से स्वतः ही बनने लगती है। गीता में भगवान कृष्ण ने
Read Moreकोई जीता नही कोई हारा नहीं। तुम मेरे ना हुये मै तुम्हारा नही।। बादलों से नमी तुमको मिल जाएगी, हम
Read Moreले लो बधाई ललना की, आयेगा घर में पलना भी दादा नाचें दादी नाचें बड़की वाली भाभी नाचें……. उत्तर प्रदेश
Read Moreवक्त के साथ बदलना अच्छा है। चल मुसाफिर! अकेला चलना अच्छा है।। राह में और मौके भी मिलेंगें। मुहब्बत भी
Read Moreसौतन की गांठ “कन्यादान के लिए कन्या के मां-बाप आगें आयें” पण्डित जी ने हाथों में पान-सुपारी उठाते हुए आवाज
Read Moreरूम नंबर-13 वाह! दिल्ली आए और रंगीला होटल में न जाएं तो क्या खाक दिल्ली आए? क्या मैनेजर साहब क्या
Read Moreअब तो बारिश की बूँदों में, जलने का अनुभव होता है। मैं भी सोचा करता हूँ जाने क्यूँ ये अब
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