नयी क्रांति लानी होगी!!
ये कविता मैंने तब लिखी थी जब दिल्ली में निर्भया के साथ दुष्कृत्य हुआ था और देश में एक क्रोध
Read Moreये कविता मैंने तब लिखी थी जब दिल्ली में निर्भया के साथ दुष्कृत्य हुआ था और देश में एक क्रोध
Read Moreपथिक सयाने पथ पर चलना जरा संभल संभलके मोड़ हैं आते जीवन पथ में हर क्षण बदल बदलके देख चन्द्रमा अपनी चांदनी
Read Moreक्या कभी खून नहीँ खौलता तुम्हारा, जब देखते हो गरीबोँ का लहू पानी सा बहते, कि मानव को पीड़ा हो
Read Moreआओ पाखंड का नाश करें जड़ से इसे विनाश करें भवजल में फंसे हुए साथी जो आगे बढ़ ना पाये
Read Moreक्या कहें कभी लहरें जैसे उमड़ती हैं सागर में कभी बादल जैसे बिखरते हैं अम्बर में ऐसे ही कोई सैलाब
Read Moreसंघर्षो की नयी कहानी नयी जवानी लिखती है! नए गीत की नयी मालाएं नए शब्दों में दिखती है प्रेरणा पुंज
Read Moreमन आज फिर डूब गया यादों के अंधियारे जंगल में फिर उतरा है बीती के दलदल में आँखों में नीर
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